Swar Sandhi Marathi
स्वर संधी व त्याचे नियम
Swar Sandhi in Marathi
स्वर संधी व त्याचे नियम ( Swar Sandhi Marathi | Swar Sandhi in Marathi ) :-
स्वर संधी व त्याचे नियम ( Swar Sandhi Marathi | Swar Sandhi in Marathi ) यावर स्पर्धा परीक्षेत अनेक वेळा प्रश्न विचारण्यात आलेले आहेत. विशेषतः ५ वी व ८ वी स्कॉलरशिप परीक्षा, नवोदय परीक्षा, TET Exam, CTET Exam व इतरही अश्या अनेक परीक्षेमध्ये या स्वरूपाचे प्रश्न विचारले जातात आपल्याला मराठी स्वर संधी ( Marathi Swar Sandhi | Swar Sandhi in Marathi ) माहित नसल्याने आपले हातातील गुण यामुळे आपल्या मिळत नाहीत म्हणून खासकरून स्पर्धा परीक्षेचा अभ्यास करणाऱ्या विद्यार्थ्यांनसाठी स्वर संधी मराठी ( Swar Sandhi in Marathi | Swar Sandhiche Marathi ) ही माहिती येथे देण्यात येत आहे.
चला तर मग आपण बघूया स्वर संधी व त्याचे नियम | Swar Sandhi v Tyache Niyam | Swar Sandhi in Marathi | Swar Sandhi Marathi ).
स्वर संधी बघण्यागोदर आपल्याला संधी म्हणजे काय ते माहित असणे गरजेचे आहे. आपण बोलत असताना आपल्याला नवनवीन शब्दांची ओळख होत असते. बऱ्याच वेळी काही शब्द असतात जे दोन वेगवेगळ्या शब्दांपासून बनलेले असतात परंतु आपण त्यांचा उच्चार एकत्र करत असतो.
उदाहरणार्थ :-
'गुरूपदेश' हा शब्द गुरू + उपदेश या दोन शब्दांपासून तयार झालेला आहे. तसेच
विग्रह वर्णसंधी संधी ज्ञान + ईश्वर अ + ई = ए ज्ञानेश्वर अरूण + उदय अ + उ = ओ अरूणोदय राजा + औदार्य आ + औ = औ राजौदार्य यश: + धन - यशोधन सम् + आचार म् + आ समाचार सत् + जन त् + ज् = ज् सज्जन
विग्रह | वर्णसंधी | संधी |
---|---|---|
ज्ञान + ईश्वर | अ + ई = ए | ज्ञानेश्वर |
अरूण + उदय | अ + उ = ओ | अरूणोदय |
राजा + औदार्य | आ + औ = औ | राजौदार्य |
यश: + धन | - | यशोधन |
सम् + आचार | म् + आ | समाचार |
सत् + जन | त् + ज् = ज् | सज्जन |
वरील प्रमाणे जे जोडशब्द तयार होतात त्यांनाच संधी असे म्हणतात.
हे पण पहा :- मराठी शब्दांच्या जाती
संधी म्हणजे काय ?
➤ पहिल्या शब्दातील शेवटचा वर्ण व दुस-या शब्दातील पहिला वर्ण हे एकमेकांमध्ये मिसळून त्या दोहोंबद्दल एकच वर्ण तयार होतो. वर्णाच्या अशा एकत्र होण्याच्या प्रकारास 'संधी' ( Sandhi ) असे म्हणतात.
उदाहरणार्थ :-
उदाहरणार्थ :-
विग्रह वर्णसंधी संधी ज्ञान + ईश्वर अ + ई = ए ज्ञानेश्वर अरूण + उदय अ + उ = ओ अरूणोदय राजा + औदार्य आ + औ = औ राजौदार्य यश: + धन - यशोधन सम् + आचार म् + आ समाचार सत् + जन त् + ज् = ज् सज्जन
विग्रह | वर्णसंधी | संधी |
---|---|---|
ज्ञान + ईश्वर | अ + ई = ए | ज्ञानेश्वर |
अरूण + उदय | अ + उ = ओ | अरूणोदय |
राजा + औदार्य | आ + औ = औ | राजौदार्य |
यश: + धन | - | यशोधन |
सम् + आचार | म् + आ | समाचार |
सत् + जन | त् + ज् = ज् | सज्जन |
तसेच जेव्हा जोडशब्दांना आपण वेगळे करत असतो त्याला आपण त्या जोडशब्दाचा विग्रह म्हणजेच संधीचा विग्रह करणे असे म्हणतो.
संधीचे प्रकार पुढील प्रमाणे आहेत.
➤ स्वरसंधी [ Swar Sandhi ]
➤ व्यंजनसंधी [ Vyanjan Sandhi ]
➤ विसर्गसंधी [ Visarg Sandhi ]
चला तर मग आता 'स्वर संधी' ( Swar Sandhi ) म्हणजे काय ?
हे पण पहा :- उपसर्ग व उपसर्गघटित शब्द
स्वर संधी म्हणजे काय ?
➤ एकत्र येणारे दोन्ही वर्ण स्वर असल्यास त्यास ‘स्वर संधी’ ( Swar Sandhi ) असे म्हणतात.
➤ एक पाठोपाठ एक येणारे दोन स्वर एकत्र होण्याच्या क्रियेला ‘स्वर संधी’ ( Swar Sandhi ) असे म्हणतात.
➤ एकमेकांच्या शेजारील वर्ण जर स्वर असेल तर त्यास ‘स्वर संधी’ ( Swar Sandhi ) म्हणतात.
स्वरसंधी = स्वर + स्वर
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी पर + उपकार अ + उ = ओ परोपकार अरूण + उदय अ + उ = ओ अरूणोदय पितृ + औदार्य ऋ + औ = र पित्रोदार्य पितृ + आज्ञा ऋ + आ = र पित्राज्ञा गै + अक ऐ + अ = आय गायक नै + अक ऐ + अ = आय नायक ब्रम्ह + ऋषी अ + ऋ = अर् ब्रम्हर्षी गंगा + उदक आ + उ = ओ गंगोदक अनु + अर्थ उ + अ = व अन्वर्थ मनु + अंतर उ + अं = व मन्वंतर अति + उत्तम इ + उ = य अत्युत्तम किती + एक ई + ए = य कित्येक महा + औदार्य आ + औ = औ महौदार्य राजा + औदार्य आ + औ = औ राजौदार्य क्षण + एक अ + ए = ऐ क्षणैक एक + एक अ + ए = ऐ एकैक पर + उपकार अ + उ = ओ परोपकार अरूण + उदय अ + उ = ओ अरूणोदय ज्ञान + ईश्वर अ + ई = ए ज्ञानेश्वर वनिता + आश्रम आ + आ= आ वनिताश्रम गीता + अर्णव आ + अ = आ गीतार्णव
हे पण पहा :- वाक्याचे प्रकार
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
पर + उपकार | अ + उ = ओ | परोपकार |
अरूण + उदय | अ + उ = ओ | अरूणोदय |
पितृ + औदार्य | ऋ + औ = र | पित्रोदार्य |
पितृ + आज्ञा | ऋ + आ = र | पित्राज्ञा |
गै + अक | ऐ + अ = आय | गायक |
नै + अक | ऐ + अ = आय | नायक |
ब्रम्ह + ऋषी | अ + ऋ = अर् | ब्रम्हर्षी |
गंगा + उदक | आ + उ = ओ | गंगोदक |
अनु + अर्थ | उ + अ = व | अन्वर्थ |
मनु + अंतर | उ + अं = व | मन्वंतर |
अति + उत्तम | इ + उ = य | अत्युत्तम |
किती + एक | ई + ए = य | कित्येक |
महा + औदार्य | आ + औ = औ | महौदार्य |
राजा + औदार्य | आ + औ = औ | राजौदार्य |
क्षण + एक | अ + ए = ऐ | क्षणैक |
एक + एक | अ + ए = ऐ | एकैक |
पर + उपकार | अ + उ = ओ | परोपकार |
अरूण + उदय | अ + उ = ओ | अरूणोदय |
ज्ञान + ईश्वर | अ + ई = ए | ज्ञानेश्वर |
वनिता + आश्रम | आ + आ= आ | वनिताश्रम |
गीता + अर्णव | आ + अ = आ | गीतार्णव |
हे पण पहा :- वाक्याचे प्रकार
स्वरसंधीचे नियम पुढीलप्रमाणे आहे.
नियम स्वर पुढील स्वर बदल १
सजातीय स्वर
सजातीय स्वर
दीर्घ स्वर
२ अ किंवा आ इ किंवा ई ए ३ अ किंवा आ उ किंवा ऊ ओ ४ अ किंवा आ ए किंवा ऐ ऐ ५ अ किंवा आ ओ किंवा औ औ ६ इ किवा ई विजातीय स्वर य ७ उ किंवा ऊ विजातीय स्वर व ८ ऋ विजातीय स्वर र ९
ए
विजातीय स्वर
अय
१० ऐ विजातीय स्वर आय ११ ओ विजातीय स्वर अव १२ औ विजातीय स्वर आव
हे पण पहा :- म्हणी व त्याचे अर्थ
नियम | स्वर | पुढील स्वर | बदल |
---|---|---|---|
१ | सजातीय स्वर | सजातीय स्वर | दीर्घ स्वर |
२ | अ किंवा आ | इ किंवा ई | ए |
३ | अ किंवा आ | उ किंवा ऊ | ओ |
४ | अ किंवा आ | ए किंवा ऐ | ऐ |
५ | अ किंवा आ | ओ किंवा औ | औ |
६ | इ किवा ई | विजातीय स्वर | य |
७ | उ किंवा ऊ | विजातीय स्वर | व |
८ | ऋ | विजातीय स्वर | र |
९ | ए | विजातीय स्वर | अय |
१० | ऐ | विजातीय स्वर | आय |
११ | ओ | विजातीय स्वर | अव |
१२ | औ | विजातीय स्वर | आव |
हे पण पहा :- म्हणी व त्याचे अर्थ
नियम १] दोन सजातीय स्वर एकमेकांशेजारी आले असता त्या दोहोंबद्दल त्याच जातीतील एकच दीर्घ स्वर येतो. यालाच ‘दीर्घत्व संधी’ असे म्हणतात.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी गीता + अर्णव आ + अ = आ गीतार्णव वनिता + आश्रम आ + आ= आ वनिताश्रम गुरु + उपदेश उ + उ = ऊ गुरूपदेश मुनि + इच्छा इ + इ = ई मुनीच्छा सूर्य + अस्त अ + अ = आ सूर्यास्त कवी + इच्छा ई + इ = ई कवीच्छा
नियम २] ‘अ’ किंवा ‘आ’ यांच्यापुढे ‘इ’ किंवा ‘ई’ आल्यास त्या दोहोंएवजी ‘ए’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
गीता + अर्णव | आ + अ = आ | गीतार्णव |
वनिता + आश्रम | आ + आ= आ | वनिताश्रम |
गुरु + उपदेश | उ + उ = ऊ | गुरूपदेश |
मुनि + इच्छा | इ + इ = ई | मुनीच्छा |
सूर्य + अस्त | अ + अ = आ | सूर्यास्त |
कवी + इच्छा | ई + इ = ई | कवीच्छा |
नियम २] ‘अ’ किंवा ‘आ’ यांच्यापुढे ‘इ’ किंवा ‘ई’ आल्यास त्या दोहोंएवजी ‘ए’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी ज्ञान + ईश्वर अ + ई = ए ज्ञानेश्वर गण + ईश अ + ई = ए गणेश महा + इंद्र आ + इ = ए महेंद्र ईश्वर + इच्छा अ + इ = ए ईश्वरेच्छा यथा + इष्ट आ + इ = ए यथेष्ट रमा +ईश आ + ई = ए रमेश
नियम ३] ‘अ’ किंवा ‘आ’ यांच्यापुढे ‘उ’ किंवा ‘ऊ’ आल्यास त्या दोहोंएवजी ‘ओ’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
ज्ञान + ईश्वर | अ + ई = ए | ज्ञानेश्वर |
गण + ईश | अ + ई = ए | गणेश |
महा + इंद्र | आ + इ = ए | महेंद्र |
ईश्वर + इच्छा | अ + इ = ए | ईश्वरेच्छा |
यथा + इष्ट | आ + इ = ए | यथेष्ट |
रमा +ईश | आ + ई = ए | रमेश |
नियम ३] ‘अ’ किंवा ‘आ’ यांच्यापुढे ‘उ’ किंवा ‘ऊ’ आल्यास त्या दोहोंएवजी ‘ओ’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी अरूण + उदय 2अ + उ = ओ अरूणोदय पर + उपकार अ + उ = ओ परोपकार गंगा + उदक आ + उ = ओ गंगोदक समुद्र + ऊर्मी अ + ऊ = ओ समुद्रोर्मी गंगा + उर्मी आ + उ = ओ गंगोर्मी महा + उत्सव आ + उ = ओ महोत्सव
नियम ४] ‘अ’ किंवा ‘आ’ यांच्यापुढे ‘ए’ किंवा ‘ऐ’ आल्यास त्या दोहोंएवजी ‘ऐ’ होतो.
उदाहरणार्थ :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
अरूण + उदय | 2अ + उ = ओ | अरूणोदय |
पर + उपकार | अ + उ = ओ | परोपकार |
गंगा + उदक | आ + उ = ओ | गंगोदक |
समुद्र + ऊर्मी | अ + ऊ = ओ | समुद्रोर्मी |
गंगा + उर्मी | आ + उ = ओ | गंगोर्मी |
महा + उत्सव | आ + उ = ओ | महोत्सव |
नियम ४] ‘अ’ किंवा ‘आ’ यांच्यापुढे ‘ए’ किंवा ‘ऐ’ आल्यास त्या दोहोंएवजी ‘ऐ’ होतो.
उदाहरणार्थ :-
उदाहरणार्थ :-
विग्रह स्वर संधी एक + एक अ + ए = ऐ एकैक क्षण + एक अ + ए = ऐ क्षणैक सभा + ऐक्य आ + ऐ = ऐ सभैक्य मत + ऐक्य अ + ऐ = ऐ मतैक्य जन + ऐक्य अ + ऐ = ऐ जनैक्य विद्या + ऐश्वर्य आ + ऐ = ऐ विद्यैश्वर्य
हे पण पहा :- आलंकारिक शब्द
नियम ५] ‘अ’ किंवा ‘आ’ यांच्यापुढे ‘ओ’ किंवा ‘औ’ आल्यास त्या दोहोंएवजी ‘औ’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
एक + एक | अ + ए = ऐ | एकैक |
क्षण + एक | अ + ए = ऐ | क्षणैक |
सभा + ऐक्य | आ + ऐ = ऐ | सभैक्य |
मत + ऐक्य | अ + ऐ = ऐ | मतैक्य |
जन + ऐक्य | अ + ऐ = ऐ | जनैक्य |
विद्या + ऐश्वर्य | आ + ऐ = ऐ | विद्यैश्वर्य |
हे पण पहा :- आलंकारिक शब्द
नियम ५] ‘अ’ किंवा ‘आ’ यांच्यापुढे ‘ओ’ किंवा ‘औ’ आल्यास त्या दोहोंएवजी ‘औ’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी राजा + औदार्य आ + औ = औ राजौदार्य महा + औदार्य आ + औ = औ महौदार्य वृक्ष + औदार्य अ + औ = औ वृक्षौदार्य वन + औषधी अ + औ = औ वनौषधी यमुना + ओघ आ + ओ = औ यमुनौघ जल + ओघ अ + ओ = औ जलौघ
नियम ६] ‘इ’ किंवा ‘ई’ यांच्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘य’ होतो.स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
राजा + औदार्य | आ + औ = औ | राजौदार्य |
महा + औदार्य | आ + औ = औ | महौदार्य |
वृक्ष + औदार्य | अ + औ = औ | वृक्षौदार्य |
वन + औषधी | अ + औ = औ | वनौषधी |
यमुना + ओघ | आ + ओ = औ | यमुनौघ |
जल + ओघ | अ + ओ = औ | जलौघ |
नियम ६] ‘इ’ किंवा ‘ई’ यांच्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘य’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी किती + एक ई + ए = य कित्येक अति + उत्तम इ + उ = य अत्युत्तम अति + अल्प इ + अ = य वृक्षौदार्य प्रति + अंतर इ + अं = य प्रत्यंतर अति + आचार इ + आ = या अत्याचार अति + आनंद इ + आ = या अत्यानंद
हे पण पहा :- विराम चिन्हे व त्यांचे प्रकार
नियम ७] ‘उ’ किंवा ‘ऊ’ यांच्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘व’ होतो.
स्वर संधीचे उदाहरण :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
किती + एक | ई + ए = य | कित्येक |
अति + उत्तम | इ + उ = य | अत्युत्तम |
अति + अल्प | इ + अ = य | वृक्षौदार्य |
प्रति + अंतर | इ + अं = य | प्रत्यंतर |
अति + आचार | इ + आ = या | अत्याचार |
अति + आनंद | इ + आ = या | अत्यानंद |
हे पण पहा :- विराम चिन्हे व त्यांचे प्रकार
नियम ७] ‘उ’ किंवा ‘ऊ’ यांच्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘व’ होतो.
स्वर संधीचे उदाहरण :-
स्वर संधीचे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी मनु + अंतर उ + अं = व मन्वंतर अनु + अर्थ उ + अ = व अन्वर्थ सु + अल्प उ + अ = व स्वल्प सु + आनंद उ + आ = वा स्वानंद गुरु + आज्ञा उ + आ = वा गुर्वाज्ञा भानू + ईश्वर ऊ + ई = वी भान्वीश्वर
नियम ८] ‘ऋ’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘र’ होतो.
स्वर संधीचे उदाहरण :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
मनु + अंतर | उ + अं = व | मन्वंतर |
अनु + अर्थ | उ + अ = व | अन्वर्थ |
सु + अल्प | उ + अ = व | स्वल्प |
सु + आनंद | उ + आ = वा | स्वानंद |
गुरु + आज्ञा | उ + आ = वा | गुर्वाज्ञा |
भानू + ईश्वर | ऊ + ई = वी | भान्वीश्वर |
नियम ८] ‘ऋ’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘र’ होतो.
स्वर संधीचे उदाहरण :-
स्वर संधीचे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी धृ + अन ऋ + अ = र धरण मातृ + इच्छा ऋ + इ = र मत्रीच्छा भातृ + ऐक्य ऋ + ऐ = र भ्रात्रैक्य मातृ + उत्सव ऋ + उ = र मात्रुत्सव पितृ + आज्ञा ऋ + आ = र पित्राज्ञा पितृ + औदार्य ऋ + औ = र पित्रोदार्य
हे पण पहा :- शब्दसमूहाबद्दल एक शब्द
नियम ९] ‘ए’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘अय’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
धृ + अन | ऋ + अ = र | धरण |
मातृ + इच्छा | ऋ + इ = र | मत्रीच्छा |
भातृ + ऐक्य | ऋ + ऐ = र | भ्रात्रैक्य |
मातृ + उत्सव | ऋ + उ = र | मात्रुत्सव |
पितृ + आज्ञा | ऋ + आ = र | पित्राज्ञा |
पितृ + औदार्य | ऋ + औ = र | पित्रोदार्य |
हे पण पहा :- शब्दसमूहाबद्दल एक शब्द
नियम ९] ‘ए’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘अय’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी ने + अन ए + अ = अय नयन शे + अन ए + अ = अय शयन
नियम १०] ‘ऐ’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘आय’ होतो.उदाहरणार्थ :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
ने + अन | ए + अ = अय | नयन |
शे + अन | ए + अ = अय | शयन |
नियम १०] ‘ऐ’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘आय’ होतो.
उदाहरणार्थ :-
विग्रह स्वर संधी नै + अक ऐ + अ = आय नायक गै + अक ऐ + अ = आय गायक गै + अन ऐ + अ = आय गायन
हे पण पहा :- नवोदय सराव प्रश्नसंच
नियम ११] ‘ओ’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘अव’ होतो.स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
नै + अक | ऐ + अ = आय | नायक |
गै + अक | ऐ + अ = आय | गायक |
गै + अन | ऐ + अ = आय | गायन |
हे पण पहा :- नवोदय सराव प्रश्नसंच
नियम ११] ‘ओ’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘अव’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी गो + ईश्वर ओ + ई = अव गवीश्वर गो + अक्ष ओ + अ = अव गवाक्ष पो + अन ओ + अ = अव पवन
नियम १२] ‘औ’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘आव’ होतो.स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
गो + ईश्वर | ओ + ई = अव | गवीश्वर |
गो + अक्ष | ओ + अ = अव | गवाक्ष |
पो + अन | ओ + अ = अव | पवन |
नियम १२] ‘औ’ च्यापुढे विजातीय स्वर आल्यास ‘आव’ होतो.
स्वर संधी चे उदाहरण :-
विग्रह स्वर संधी पौ + अक औ + अ = आव पावक पौ + अन औ + अ = आव पावन नौ + इक औ + इ = आव नाविक
विग्रह | स्वर | संधी |
---|---|---|
पौ + अक | औ + अ = आव | पावक |
पौ + अन | औ + अ = आव | पावन |
नौ + इक | औ + इ = आव | नाविक |
तुम्हाला स्वर संधी व त्याचे नियम | Swar Sandhi Marathi | Swar sandhi in marathi ही माहिती नक्कीच आवडली असेल तर मग आपल्या प्रियजनाना शेअर करा.
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